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15:08, 3 अप्रैल 2018 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[ॠतुप्रिया]]
|अनुवादक=
|संग्रह=ठा’ नीं कद हुज्यावै प्रेम / ॠतुप्रिया
}}
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<poem>
पाग
मिनख री लाज हुवै
मूँछ
मिनख री लाज हुवै
अर लुगायां रौ
गैणौ हुवै लाज
अबै लोग नां पाग पैरै
नां मूँछ्यां राखै
अर लुगायां
नीं पैरै गैणौ
सोचूं
कै कठै सूं आयसी
लाज।
</poem>
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