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15:15, 3 अप्रैल 2018 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[ॠतुप्रिया]]
|अनुवादक=
|संग्रह=ठा’ नीं कद हुज्यावै प्रेम / ॠतुप्रिया
}}
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<poem>
टाबर हाँसै
जिंयां फूल खिलै
टाबर आपरी बातां
अर
किलकार्यां री
सौरम स्यूं
घर रौ
खूणौ-खूणौ भरै
टाबर हुवै
भगवान रौ रूप
म्हारौ सुवाल है
कै टाबरां नै
जणौ-कणौ क्यूं मारै
बै’
टाबरां रौ जीवण
ईंयां किंयां सुंवारै!
</poem>
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