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एसो के सावन मे जम के बरस रे बादर करिया / छत्तीसगढ़ी
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13:00, 13 जुलाई 2008
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|रचनाकार=अज्ञात
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{{KKLokGeetBhaashaSoochi
|भाषा=छत्तीसगढी
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एसो के सावन मे जम के बरस रे बादर करिया, <br>
यहू साल झन पर जाय हमर खेत ह परिया ॥ <br><br>
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