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{{KKRachna
|रचनाकार=गुलाब खंडेलवाल
|संग्रह= सौ गुलाब खिले / गुलाब खंडेलवाल
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{{KKPustak|चित्र=Chandni.jpg|नाम=चाँदनी |रचनाकार=[[Category:गज़लगुलाब खंडेलवाल]]<poem>|प्रकाशक=--|वर्ष= --|भाषा=हिन्दी|विषय=--|शैली=गीत|पृष्ठ=--|ISBN=--|विविध=--}}
जहाँ जी चाहे सीता जाये
बोले प्रभु लक्ष्मण से--'अब वह मुझको मुँह न दिखाये