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मेघकाल में / महेन्द्र भटनागर
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06:41, 14 जुलाई 2008
}}
बादलों में छिप
गये
गए
सब दृष्टि-सीमा तक सितारे !
::और ओले नाश वाले
::भर
गये
गए
लघु-गहन नाले,
:::विश्व का अंतर दहलता,
अनिल जनविजय
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