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जिसका कंथ रहै ना पास, कामनी रहती रोज उदास / राजेराम भारद्वाज
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17:44, 23 मई 2018
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सांग:- गोपीचंद-भरथरी
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अनुक्रमांक-26
)
जवाब - गोपीचंद का गुरु गौरख से।
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जिसका कंथ रहै ना पास, कामनी रहती रोज उदास,
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छः रूत बारा मास, बिचारी दुखिया मन मै ।। टेक ।।
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चैत गया चमक रही ना सै, यो बैसाख बदन बट खा सै,
Sandeeap Sharma
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