Changes

उद्गीत / कविता भट्ट

516 bytes removed, 16:37, 1 जून 2018
मन समंदर में
भाटा विचार
11
बाहर तूफाँ
मन के भीतर का
उससे भारी
12
मूल कारण
प्राकृतिक कोप का
अतिक्रमण
13
जो वीर वेश
तरु जूझे आँधी से
अब भी शेष
14
पाहन हूँ मैं
तुम हीरा कहते
प्रेम तुम्हारा
15
तुम हो शिल्पी
प्रतिमा बना डाली
मैं पत्थर थी
<poem>
-०-