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मुक्तक-01 / रंजना वर्मा
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10:53, 14 जून 2018
सख़्तियों को ही जो सोपान बना लेते हैं।।
काश्मीर करवा रहा, यों अपनी पहचान
करते पत्थरबाज नित, सैनिक का अपमान।
Rahul Shivay
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