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जमीदार का फर्ज बख्त पै, खेती नै बोवण का हो / गन्धर्व कवि प. नन्दलाल
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16:20, 20 जुलाई 2018
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जमीदार का फर्ज बख्त पै, खेती नै बोवण का हो,
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मात-पिता का धर्म सुता कै, लायक वर टोहवण का हो।। टेक ।।
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मनु ऋषि का लेख देखल्यो, झूठ कहैं ना एक रती,
Sandeeap Sharma
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