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15:31, 24 जुलाई 2018 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[लक्ष्मीनारायण रंगा]]
|अनुवादक=
|संग्रह=सावण फागण / लक्ष्मीनारायण रंगा
}}
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{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
दियासळाई
जगी
बुझगी,
पलकां
उठी-झपकगी,
हथेळ्यां
मिली-
जुदा हुगी,
बरफ री किरचां
उछळी-
घुळ‘र पाणी हुगी,
दो पंछी
उड्या
अळगा हुग्या,
परछांई
बणी
मिटगी
तार
टकराया
दूर हुग्या,
बाळू री लकीर
बणी, ढैयगी,
ओस री बून्द
बरसी-
सूखगी,
पगां रा निसाण
मंड्या
मिटग्या
पसीनो आयो
किन्नी,
उड़ी, कटगी
चिणगारी
चमकी-बुझगी
</poem>