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15:19, 26 जुलाई 2018 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[लक्ष्मीनारायण रंगा]]
|अनुवादक=
|संग्रह=आंख ई समझै / लक्ष्मीनारायण रंगा
}}
{{KKCatHaiku}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
कठै गुमगी
जसोदा री ममता
राधा रो प्रेम
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नागो ई आयो
नागो ई जावैला
क्या ले जावैला
{{KKBR}}
थारै होठां री
मधरी सी मुळक
मैंदी रा फूल
</poem>
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