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16:38, 26 जुलाई 2018 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[लक्ष्मीनारायण रंगा]]
|अनुवादक=
|संग्रह=आंख ई समझै / लक्ष्मीनारायण रंगा
}}
{{KKCatHaiku}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
आ बाळू नईं
सोनो है म्हारी प्यारी
मरूधरा रो
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अेक ई डाळ
सागै फूल‘र कांटा
भाग है जुदा
{{KKBR}}
ज्वार‘र भाटा
अेक ई पाणी जाया
आवै‘र जावै
</poem>
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