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07:46, 27 जुलाई 2018 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[लक्ष्मीनारायण रंगा]]
|अनुवादक=
|संग्रह=आंख ई समझै / लक्ष्मीनारायण रंगा
}}
{{KKCatHaiku}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
डावा जीवणां
पग सागै चालै तो
मंजल मिलै
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पाणी में मचै
उथळ-पुथळ तो
लै‘रा जनमें
{{KKBR}}
बै‘न दिसावां
मिला हाथ सूं हाथ
रै‘वै प्रेम सूं
</poem>
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