619 bytes added,
08:23, 27 जुलाई 2018 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[लक्ष्मीनारायण रंगा]]
|अनुवादक=
|संग्रह=आंख ई समझै / लक्ष्मीनारायण रंगा
}}
{{KKCatHaiku}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
भ्रष्टाचार है
देस री नस-नस
ब्लड-कैंसर
{{KKBR}}
गांव-सहरां
घणा है घुड़लैखां
लुटै नारियां
{{KKBR}}
जद-जद ई
बरसै थारी आंख
भीज जावूं म्हैं
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader