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हम न मरब / विजय कुमार
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14:16, 29 अक्टूबर 2018
और सब माथे पर लिखा है
हजारों
हज़ारों
वॉट की दूधिया रोशनी में नहाए स्टेडियमों में
क्रिकेट मैच हो रहे थे
एक उन्मत्त भीड़ थी
सर्द रात में बाहर
फ्लाईओवरों
फ़्लाईओवरों
के नीचे रात ग्यारह बजे
भूखे बच्चे ठिठुर रहे थे
अनिल जनविजय
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