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20:43, 18 दिसम्बर 2018 {{KKRachna
|रचनाकार=निर्मला सिंह
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatBaalKavita}}
<poem>मैंने एक वृत्त बनाया
छोटा लगा
दूसरा बनाया
छोटा लगा
लक्ष्य बिंदु के चारों ओर बनाये
सभी वृत्त
छोटे लगे
अब मैंने वृत्त बनाने छोड़ दिये हैं
लक्ष्य बिंदु तक पहुंचने के लिए
चारों ओर से अनगिनत रेखाएं खींचनी शुरू कर दी हैं।
</poem>