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एकान्त टूटा / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
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06:04, 22 दिसम्बर 2018
'''रिश्ते हैं सर्द'''
आँच बनाए रखो
जीवन
बचे।
बचे
मेहँदी रचे हाथ
नित नया ही रचें ।
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तन -कस्तूरी
वीरबाला
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