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दलित कलिका / पुरुषार्थवती देवी
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23:44, 28 दिसम्बर 2018
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मुझे देखकर खड़े हँस रहे, विकसित सुन्दर फूल।
करते हो परिहास हास, तरु शाखाओं पर झूल॥
Jangveer Singh
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