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यादों की चादर लपेटे / कपिल भारद्वाज
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16:16, 22 जनवरी 2019
हवा में मिलकर विलीन हो जाएंगे,
तब हम बहुत याद आएंगे !
(अजीज दोस्त राकेश घणघास के नाम एक छोटी सी नज्म)
</poem>
Sandeeap Sharma
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