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20:23, 23 जनवरी 2019 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=मधु शर्मा
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|संग्रह=
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<poem>
(1956 का एक लीनो कट)
पेट की तरफ मुड़े उसके घुटने
और हाथ पर सोया सिर है
वह कहीं भी सो सकता है लम्बे फुटपाथ पर
अपनी भूख दबोचे
चोरी चकारी का डर नहीं था
भूख ने ही सोने नहीं दिया देर तक;
दूर से चल कर आयी नींद थकी थी
अँधेरा और अकाल
उसे दबोचे रहा आत्मा तक।
</poem>