Changes

'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रंजना वर्मा |अनुवादक= |संग्रह=शाम...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=रंजना वर्मा
|अनुवादक=
|संग्रह=शाम सुहानी / रंजना वर्मा
}}
{{KKCatGhazal}}
<poem>
चाँदनी सिंधु में जब नहाने लगी
रश्मि ले हर लहर झिलमिलाने लगी

चन्द्र कन्दुक बना हर लहर गोपिका
लो हवा भी मधुर गीत गाने लगी

रात गहरी हुई मूक निस्तब्धता
मौन की रागिनी गुनगुनाने लगी

प्यार आकर हुआ सिंधु के तट खड़ा
चाँदनी हँस के मुखड़ा छुपाने लगी

रुत मिलन की है ये आ भी जा साँवरे
राधिका फिर तुझे है बुलाने लगी

</poem>