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[[Category:हाइकु]]
<poem>
164
जग सुन्दर
सुन्दर मन -ताल
भावों की छाया ।
265
सूने हैं तट
आती नहीं आहट
नीर अधीर।
366
थकीं लहरें
बाँचे अनवरत
तीर की पीर।
467
नहाने आते
जब चाँद -सितारे
तट हर्षाते ।
568
नदियाँ सूखीं
उजड़े पनघट
गलियाँ मौन।
'''-0-7/2/2015'''
169
प्राण सींचती
सामगान -सी वाणी
सद्यस्नाता- सी।
270
नश्वर काया
तुम्हारी मोहमाया
बाँधे है मुझे।
371
आँसू तुम्हारे
भिगोएँ मेरा सीना
मैं बड़भागी।
472
रातों में जागूँ
तुम्हारे लिए ही मैं
दुआएँ माँगूँ ।
573
अंक में भरो
उलझी नेह -डोर
सुलझा भी दो।
674
प्राण अटके
तुम न मिल सके
हम भटके।
775
आँसू से धोए
सभी जीवन-द्वार