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शिलाओं ने जल कोजीभर पटकाबार- बार पछाड़ाकई बार लताड़ावह खिलखिलायातभी तो उनकोचूर -चूर कर पाया'''टूटा नहीं जल''''''शिलाओं पर अपने''''''निशान छोड़ आया।'''
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