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<poem>
आ धरती केई बार झेलिया महाजुद्ध
पण राजनीति रौ भारत हमकै माचैला
भूख गरीबी बेकारी रा झाड़ा देवण
भांत भांत रा भोपा मन्तर बांचैला

सबदां रा बाजीगर आसी
नुवां कौल कायदा लासी
आप आप री बांट छाळियां
दूध दही रा प्याला पासी
सौ सौ ठुमका देय वारणा लेवैला
हेत हथाई प्रीत आंखियां राचैला
आ धरती केई बार झेलिया महाजुद्ध
पण राजनीति रौ भारत हमकै माचैला

भूख गरीबी बेकारी रा झाड़ा देवण
भांत भांत रा भोपा मन्तर बांचैला
थरपैला झगड़ा रौ आसण
भूखां नै सबदां रौ रासण
आप आपरी न्याव कचेड़ी
साधैला बंसां रौ सासण
आंम्ही सांम्ही बांध मोरचौ उभैला
जनता आंरी करम कमाई जांचैला
आ धरती केई बार झेलिया महाजुद्ध
पण राजनीति रौ भारत हमकै माचैला

भूख गरीबी बेकारी रा झाड़ा देवण
भांत भांत रा भोपा मन्तर बांचैला
सैंचन्नण पसरैला माया
लुळ बेवड़ी होसी काया
बेळां आयां भाव चढैला
पुळ टळियां पकड़ैला ठाया
ठग विद्या री पोल खुलैला हाकां-धाकां
सेवट तौ जन-सगती आपौ सांभैला
आ धरती केई बार झेलिया महाजुद्ध
पण राजनीति रौ भारत हमकै माचैला

भूख गरीबी बेकारी रा झाड़ा देवण
भांत भांत रा भोपा मन्तर बांचैला
</poem>
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