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06:55, 8 मई 2019 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[रेंवतदान चारण]]
|अनुवादक=
|संग्रह=उछाळौ / रेंवतदान चारण
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<poem>
धंधा बिन किकर धकै मंदौ मिगसर मास
टंक टाळण टुकड़ा नहीं पसुआं रै नहीं घास
परण्या रौ पांणी मरै धण जद खोदे धूड़
रंगत उडगी रेत सूं फबती लागै फूड़
माथै तगारी मेलियां थांभ पावड़ौ हाथ
क्रूर काळ रै कारणै बाळक लीनौ बाथ
पसु अर मांणस पाळबा लेवण सार संभाळ
धरमादौ दांनी करै काढण सारू काळ
</poem>
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