[[Category:हाइकु]]
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161बोझिल मन खोजते तुमको येधरा -गगन 162कली ये खिली हल्की प्रेम-फुहार जब थी मिली । 163 धड़कन हो मन की शीतलता , व चन्दन हो । 164अँधेरी खाई पार हम करेंगेप्रेम भरेंगे ।165तुम हो चन्दा मधुर चाँदनी होमेरी रागिनी हो । 166रिश्तों से परेसोता प्रेम-मधु कासदा ही झरे ।167 तपती धरादहकता गगन आकुल मन 168पुरवा हवाबन शीतल कियामेरा जीवन। 169 देगे प्रभु जो वरदान हमकोमाँगेंगे तुम्हें । 17 0घिरा था तमयहाँ से वहाँ तक भटके हम । 171तुम आ गए राह में दीया बन,हमें भा गए । 172बहिने आँखें कब भारी लगतीपाखी को पाँखें । 173समान मनझेलेंगे सब गमहम ना कम।174आँख जो खुलीविहँसी आँगन मेंधुली चाँदनी ।175नैन -कोर से जब मुझे निहारा फैला उजास 176किलोंले करेदीप -शिखा आँगन उजाला भरे ।177नदिया भरे धरा से नभ तकउजाला बहे ।178अजाना पथ बढ़े चलो दीप ले अपना रथ ।179 हर दौर में तुम्हारी मुश्किल में रहें दिल में180 सदा पहने उदासी के गहने उतारो इन्हें
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