[[Category:हाइकु]]
<poem>
98 शब्दों की ओटये शब्द -सौदागर देते हैं चोट । 99 भटक रहा दर-दर ईश्वरन भक्त मिला । 100 अस्थि-पंजरहै भूख से व्याकुल प्रभु के घर। 101 भेड़ें जनताभेड़िए पग-पग ताक लगाए । 102दया व नारीजीवन के जुए मेंदोनों ही हारी ।104 शिशु -सी धूपउतर रही घाटी मेंमोहक रूप ।105 बजा माँदलघाटियों मे उतरेमेघ चंचल ।106 चढ़ी उचकऊँची मुँडेर पर साँझ की धूप ।107 हो गई साँझधूप -वधू लजाईओट हो गई ।108ईर्ष्या की आगजला देती जिसकोहोता वो राख ।109दो घूँट प्यारकिसी का है जीवन दे दें जो आप । 11 0 तुम्हारा कल भला मैं क्यों पूछताआज हो मेरे । 111 छू लूँगा माथामिटेंगे सब तापमेरे हैं आप । 112आँसू झरेंगे व्याकुल मन को येदुखी करेंगे । 113 कब क्या देना ईश्वर इसे जाने हम न मानें । 114 दो पल मिले मधुर प्यार के जोस्वर्ग से बड़े । 115 आई जब थी जीवन -सांध्य -बेलातुम थे मिले । 116मुझे तो भायासादगी में नहाया रूप तुम्हारा । 117 चाँद निचोड़ा और दे दिया वह रूप तुमको । 118 उनसे गिलाजिनसे धोखा कभीतुमको मिला ।
</poem>