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पिताओं के मर जाने के बाद / अनुपम सिंह
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15:02, 2 जून 2019
अपनी ननदों को बेटे की छटठी मेँ काजर लगाने पर दे दिया था ।
शाम को जब माँएँ कभी अकेले
मेँ
में
भी वह गठरी खोलती हैं
तो सबसे पहले अपनी नसीब को कोसते,
कोख को धिक्कारते हुए
पिताओं को ख़ूब ग़ालियाँ देतीं हैं
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अनिल जनविजय
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