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दुआ. / उदय प्रकाश
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18:48, 20 जुलाई 2019
मेरे ख्वाज़ा
मुझे दे
नींद
नीन्द
ऐसी
जो कभी टूटे ना
किसी शोर से
जहाँ मैं
लोरियां
लोरियाँ
सुनता रहूँ
अपने इस जीवन भर ।
</poem>
अनिल जनविजय
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