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गले मिले जो आप / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
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03:12, 23 जुलाई 2019
मन में जिनके पाप है, उन्हें लगा यह रोग।
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सारे सुख मन -प्राण से , किए तुम्हारे नाम।
फिर भी रुक पाता नहीं, जीवन का संग्राम॥
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रिश्ते कुहरे हो गए, रस्ते हुए कुरूप।
वीरबाला
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