गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
यादें / लावण्या शाह
No change in size
,
03:26, 3 अगस्त 2006
अम्मा के लिपटे हाथ आटे से,<br>
फिर सोँधी रोटी की खुशबु,<br>
बहनोँ का
?
वह
निस्छल
निश्छल
हँसना<br>साथ साथ, रातोँ
तक
को
जगना !<br>
वे शैशव के दिन थे न्यारे,<br>
आसमान पर कितने तारे!<br>
Anonymous user
71.64.204.62