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12:20, 29 नवम्बर 2019 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=राजेन्द्र देथा
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|संग्रह=
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<poem>
तमाम रूमानी कवि-कवियत्रियां,
मानवतावादी लेखक, लेखिकाएं
जिस दिन स्वयं के लिखे को
क्रियान्वित कर लेगी अपने स्तर तक
उस दिन लिखी जाएगी
एक सच्चे इल्म से सरोबार
"औचित्योसिद्धी" नाम से
एक सुंदर पुस्तक
जिसके समकक्ष न
छप पाएगी कोई
अन्य किताब!
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