गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
आंदोलन / मधुप मोहता
3 bytes added
,
03:52, 14 मार्च 2020
और चलो मत अंगारों पर।
मेरा लहू बिखर जाएगा
नारे बनकर
दिवरों
दिवारों
पर।
'''(कनु सान्याल के लिए)'''
</Poem>
Lalit Kumar
Founder, Mover, Uploader,
प्रशासक
,
सदस्य जाँच
,
प्रबंधक
,
widget editor
21,881
edits