{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=विनोद कुमार शुक्ल|अनुवादक=|संग्रह=}}{{KKCatKavita}}<poem>यह चेतावनी है<br />कि एक छोटा बच्चा है.<br />यह चेतावनी है<br />कि चार फूल खिले हैं.<br />यह चेतावनी है<br />कि खुशी है<br />और घड़े में भरा हुआ पानी<br />पीने के लायक है,<br />हवा में सॉंस ली जा सकती है.<br />यह चेतावनी है<br />कि दुनिया है<br />बची दुनिया में<br />मैं बचा हुआ<br />यह चेतावनी है<br />मैं बचा हुआ हूं.<br />किसी होने वाले युद्ध से<br />जीवित बच निकलकर<br />मैं अपनी <br />अहमियत से मरना चाहता हूं<br />कि मरने के<br />आखिरी क्षणों तक<br />अनंतकाल जीने की कामना करूं<br />कि चार फूल है<br />और दुनिया है.<br /><br /poem>