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[[Category:बाल-कविताएँ]]
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ठिठुर गए पेड़ों के पातछोटे-से दिन , लम्बी रात । सिहरा हुआ ताल का पानी हवा भी करती मनमानी ।धुला-धुला सर्दी का रूप तन को लगे सुहानी धूप । किट-किट दाँत , काँपती छाँव जगह-जगह पर जले अलाव ।ओढ़ कम्बल और रज़ाई सबने सर्दी दूर भगाई । मूँगफली ने धूम मचाई गर्म पकौड़ी मन को भाई
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