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14:34, 18 मई 2020 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार= सुरेन्द्र डी सोनी
|अनुवादक=
|संग्रह=मैं एक हरिण और तुम इंसान / सुरेन्द्र डी सोनी
}}
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<poem>
गोदाम में से
एक सर्प तो निकाले –
छोड़ दे...
तो उसने मेरा लिखा पढ़ा !
</poem>
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