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14:41, 18 मई 2020 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार= सुरेन्द्र डी सोनी
|अनुवादक=
|संग्रह=मैं एक हरिण और तुम इंसान / सुरेन्द्र डी सोनी
}}
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<poem>
तुम्हारी बाँदी नहीं हूँ मैं
कि चुम्बन का प्रत्युत्तर
चुम्बन से दूँ...
एक क्षण की इस तलवार ने
आधी सदी के आलिंगन का सिर काट दिया..!
</poem>
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