{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=नोमान शौक़
}}
शंख और अज़ान की आवाज़ पर<br />
जागने वाला शहर<br />
किसी और देश का इतिहास रचने के आरोप में<br />
सज़ा काटते निरीह और मासूम लोग<br />
कहीं फंस फँस गए हैं<br />
पाखंड और परामर्श के<br />
अनंत चक्रव्यूह में<br />