* '''[[आँखें खोलो / विजय किशोर मानव]]''' (ग़ज़ल-संग्रह)
====कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ====
* [[अभी मिटे भी नहीं, पीठ पर से निशान कल के / विजय किशोर मानव]]
* [[ख़र्च बड़े, छोटी तनख़्वाहें / विजय किशोर मानव]]
* [[पाकर जल उधार का, सारा गाँव डुबो दे / विजय किशोर मानव]]
* [[घर पड़ोसी का जला, हम चुप रहे / विजय किशोर मानव]]