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कुछ दोहे / हस्तीमल 'हस्ती'
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,
08:47, 17 जून 2020
4.
फीकी है हर
चुनरी
चूनरी
, फीका हर बन्देजजो रंगता है रूप को
,
वो असली
रंगरेज
रंगरेज़
5.
तन बुनता है
चादारिया
चदरिया
, मन बुनता है पीर
एक जुलाहे सी मिली, शायर को तक़दीर
Abhishek Amber
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