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तुझको नमन / ओम नीरव

6 bytes added, 05:13, 20 जून 2020
द्वार पर तेरे जले कितने दिये,
लाल थे तेरे जिये तेरे लिए.
बुझ गए दे भी न पाये हम कफन। कफ़न।
मातृ भू कैसे करें तुझको नमन!
नीर-भोजन-चीर तेरे भोगते,
गर्भ में तेरे खजाने खोजते।
कर चले हम स्वार्थ में ममता दफन। दफ़न।
मातृ भू कैसे करें तुझको नमन!
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