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मूँगफली / ओम नीरव
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06:13, 20 जून 2020
छोटी-छोटी बीन-बीन कर, रहे चबाते खुद 'नीरव',
बड़ी-बड़ी
मित्रो
मित्रों
की
खातिर
ख़ातिर
, रहे बचाते मूँगफली।
</poem>
Abhishek Amber
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