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स्मृति : एक / मंगलेश डबराल
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07:48, 20 जून 2020
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खिड़की की
सलाखों
सलाख़ों
से बाहर आती हुई लालटेन की
रोशनी
रौशनी
पीले फूलों जैसी
हवा में हारमोनियम से उठते प्राचीन स्वर
Abhishek Amber
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