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सावन-भादों साठ ही दिन हैं / इब्ने इंशा
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14:02, 8 जुलाई 2020
क़ैस का नाम सुना ही होगा हमसे भी मुलाक़ात करो
इश्क़ो-जुनूँ की मंज़िल मुश्किल सबकी ये औक़ात कहाँ
(रचनाकाल : )
</poem>
Sharda suman
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