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तस्दीक / विजयशंकर चतुर्वेदी
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16:19, 9 जुलाई 2020
किया गया समतल इसे चट्टानें तोड़ताड़
बांधे गये घास-फूस के झोपड़े-मकान
जरा और मृत्यु तो तब भी बेटा
यहीं रमाये रहे धूनी.
नीम का पेड़ बोला-
घर बिलकुल ठीक कहता है बेटा.
वैसे जहां भी जाओगे
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