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वन्दना / शीलेन्द्र कुमार सिंह चौहान
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15:52, 14 जुलाई 2020
'''वन्दना'''
मा
माँ
! मुझे तुम लोक मंगल साधना का दान दो,
शब्द को संबल बनाकर नील नभ सा मान दो।
Arti Singh
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