गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
पेड़ / लीलाधर जगूड़ी
5 bytes added
,
10:55, 22 जुलाई 2020
नदियाँ कहीं भी नागरिक नहीं होतीं
और पानी से
यादा
ज्यादा
कठोर और काटनेवाला
कोई दूसरा औजार नहीं होता
Arti Singh
350
edits