Changes

|रचनाकार=धर्मवीर भारती
|संग्रह=कनुप्रिया / धर्मवीर भारती
}}{{KKVID|v=4zyEvpKE6X8&t=10s}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
- बुझी हुई राख में छिपी चिन्गारी-सा
रीते हुए पात्रकी आखिरी बूँद-सा
पा कर खो देने की व्यथा-भरी गूँज-सा...</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
16,441
edits