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09:15, 21 सितम्बर 2008 {{KKGlobal}}
{{KKAnooditRachna
|रचनाकार=जेम्स फ़ेंटन
|संग्रह=जेम्स फ़ेंटन चुनिंदा कविताएँ / जेम्स फ़ेंटन
}}
आदमी एक रोज़ मुस्कराएगा
एक रोज़ वह कह देगा
सदा के लिए अलविदा
दो छूट जाएंगे
बाक़ी दो रह जाएंगे मरने के लिए
एक आदमी तुमको सबसे बेहतर सलाह देगा
तीन आदमी भुगतेंगे उसे
एक आदमी जीवित रहेगा खेद जताने के लिए
चार आदमी आपको कर्ज़ लेने के लिए मिलेंगे
एक आदमी आतंक के? बिस्तर से जाग उठेगा
पांच आदमी जान गंवा बैठेंगे
पांच में से एक आदमी
दस लाख लोगों में से भी एक ही
ये सबके सब मरे मिलेंगे अब भी
और युद्ध है कि जारी रहेगा।