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09:22, 21 सितम्बर 2008 {{KKGlobal}}
{{KKAnooditRachna
|रचनाकार=जेम्स फ़ेंटन
|संग्रह=जेम्स फ़ेंटन चुनिंदा कविताएँ / जेम्स फ़ेंटन
}}
उसकी पत्नी ने हामी भरी
और वह हंस दी एक रहस्यमय ढंग से
ठंडी हवा के झोंके की तरह जो
उड़ा ले जाए पत्ते को
यहां तक कि जानने वाले भी चौंधया जाए
इसमें वह असली बात बताना भूल गया
यह नहीं है वह
जिसे जानना चाहता है वह
असल में जिसे वह नहीं जानना चाहता
यह तो वह है
जो उन्होंने कहा
ये वह नहीं है
ये तो वह है
जिसे वह कहते ही नहीं।